गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

अंग्रेजन को साड़ी पहनाई


प्रेषक : ऋषि

मैं अन्तर्वासना का नया पाठक हूँ। कुछ कहानियाँ पढ़ने के बाद ऐसा लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए क्योंकि आजकल कोई भी सेक्स से अछूता नहीं है, हर किसी की ज़िन्दगी में सेक्स आ कर ही रहता है। अब मैं अपनी सच्ची कहानी आप सबके सामने पेश कर रहा हूँ।

मेरा नाम ऋषि है मेरा घर दिल्ली में है। मैंने अपनी बी टैक जयपुर से की। मेरे दादा जी की साड़ियों की दुकान है। कभी-कभी मैं वहाँ जाकर गल्ले पर बैठ जाता था। हमारी दुकान पर विदेशी भी बहुत आते हैं।

एक दिन दो विदेशी महिलाएँ हमारी दुकान पर आई, दोनों की उम्र लगभग 30 साल होगी। उन दोनों ने जींस-टॉप पहना था। उनमें से एक ने हमारी दुकान से एक साड़ी पसंद की और ब्लाऊज़ का नाप दिया, साथ में अपने होटल का पता दिया और कहा- ब्लाऊज़ हमारे होटल में दे जाना !

मैंने उनसे कहा- ठीक है ! दो दिन लगेंगे सिलने में ! मैं दो दिन बाद आ जाऊंगा।

जब ब्लाऊज़ सिल गया तो मैं होटल में ब्ल्लूज़ देने पहुँचा, मुझसे मैनेजर ने पूछा- किधर जा रहे हो?

मैंने विनम्रता से जबाब दिया- मैं 16 नम्बर कमरे में मैडम का सामान देने आया हूं, उन्होंने मंगवाया है।

मैनेजर ने मैडम को कॉल करके पूछा- कोई लड़का आया है सामान लेकर ! आपने मंगवाया था क्या?

मैडम ने कहा- हाँ, उसको भेज दो मेरे कमरे में !

मैं कपड़े लेकर कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो अंग्रेजन टॉप और ट्राऊज़र में बैठी हुई है। उसने मुझे अन्दर बुलाया और मैंने उसको गुड-आफ़्टरनून कहा।

उसने भी मुझे गुड आफ़्टरनून कहा। उसने मुझे पानी के लिए पूछा। मैंने पानी पिया और पोली बैग उसको दे दिया, उसने पोली बैग में से अपना ब्लाऊज़ निकाला और देखने लगी।

उसने मुझसे कहा- आई डोंट नो हाउ कैन आई वीयर दीज़ क्लोद्स !(मुझे ये कपड़े पहनने नहीं आते)

उसने इससे पहले कभी साड़ी-ब्लाऊज़ नहीं पहनी थी, उसको साडी पहनी नहीं आती थी।

तब मैंने उससे पूछा- वो मैडम कहाँ है जो आपके साथ दुकान पर आई थी?

उसने कहा- उनका कमरा अलग है।

उसने मुझसे पूछा- आप मुझे इसको पहनना सिखा सकते हैं कि इसको पहनते कैसे हैं?

मैंने कहा- क्यों नहीं !

मैंने कहा- पहले आप अपनी साड़ी लेकर आइए जो आपने खरीदी थी।

वह अपनी साड़ी लेकर आई, फिर मैंने कहा- पहले आप ब्लाऊज़ पहनिए और फिर यह पेटिकोट पहनें ! फिर उसके बाद यह साड़ी पहननी है।

उसने कहा- ठीक है !

तभी मुझे अंग्रेजन ने कमरे से बाहर जाने को कहा। थोड़ी देर में ब्लाऊज़-पेटिकोट पहन कर उसने मुझे अन्दर आने को कहा !

उस समय वो क्या माल लग रही थी ! उसकी कमर मुझे साफ़ दिख रही थी। उसका साइज़ 34-26-34 था !

मैंने उससे कहा- आपने ब्लाऊज़ सही नहीं पहना !

उसने मुझे कहा- तुम सही कर दो !

मैं उसके पास गया और अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिए और ब्लाऊज़ सही करने लगा। यह मेरा पहली बार था कि मैंने किसी अंग्रेजन को छुआ था। उसको छूते ही मेरा लौड़ा जोर मारने लग गया। मैंने उसका ब्लाऊज़ ठीक किया फिर मैंने उसको साड़ी पहनना सिखाया। साड़ी पहनाते हुए मैं उसको कभी इधर कभी उधर छू रहा था, वह मेरे छूने का बुरा भी नहीं मान रही थी। मेरा खड़ा लंड उसको कभी गांड पर स्पर्श करता कभी उसकी नाभि पर ! उसको भी अब तक महसूस हो चुका था कि मेरा लंड बुरी तरह खड़ा हो चुका है !

अब वो साड़ी पहन चुकी थी ! वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरा उसको भोगने का मन कर रहा था, परन्तु वो मुझे लाइन नहीं दे रही थी !

मैं उसको चोदने के सपने ले रहा था, तभी वो अपना बैग खोलने लगी।

मैंने उसे कहा- मैम ! आप क्या खूबसूरत लग रही हो इस साड़ी में !

उसने मुझे थैंक्स कहा और उसने बैग में से एक कैमरा निकाल कर मुझे दिया और कहा- तुम मेरा एक फोटो ले सकते हो ?

मैंने कहा- ठीक है !तभी मुझे अंग्रेजन ने कमरे से बाहर जाने को कहा। थोड़ी देर में ब्लाऊज़-पेटिकोट पहन कर उसने मुझे अन्दर आने को कहा !

उस समय वो क्या माल लग रही थी ! उसकी कमर मुझे साफ़ दिख रही थी। उसका साइज़ 34-26-34 था !

मैंने उससे कहा- आपने ब्लाऊज़ सही नहीं पहना !

उसने मुझे कहा- तुम सही कर दो !

मैं उसके पास गया और अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिए और ब्लाऊज़ सही करने लगा। यह मेरा पहली बार था कि मैंने किसी अंग्रेजन को छुआ था। उसको छूते ही मेरा लौड़ा जोर मारने लग गया। मैंने उसका ब्लाऊज़ ठीक किया फिर मैंने उसको साड़ी पहनना सिखाया। साड़ी पहनाते हुए मैं उसको कभी इधर कभी उधर छू रहा था, वह मेरे छूने का बुरा भी नहीं मान रही थी। मेरा खड़ा लंड उसको कभी गांड पर स्पर्श करता कभी उसकी नाभि पर ! उसको भी अब तक महसूस हो चुका था कि मेरा लंड बुरी तरह खड़ा हो चुका है !

अब वो साड़ी पहन चुकी थी ! वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मेरा उसको भोगने का मन कर रहा था, परन्तु वो मुझे लाइन नहीं दे रही थी !

मैं उसको चोदने के सपने ले रहा था, तभी वो अपना बैग खोलने लगी।

मैंने उसे कहा- मैम ! आप क्या खूबसूरत लग रही हो इस साड़ी में !

उसने मुझे थैंक्स कहा और उसने बैग में से एक कैमरा निकाल कर मुझे दिया और कहा- तुम मेरा एक फोटो ले सकते हो ?

मैंने कहा- ठीक है !

वैसा कैमरा मैंने सिर्फ मूवी में ही देखा था, कभी छुआ नहीं था। उसने मुझे कैमरे को प्रयोग करने का तरीका बताया, फिर मैंने उसका फोटो खींचा। उसने मुझे फोटो खींचने के लिए थैंक्स कहा और बाकी की पेमेंट करने लगी क्योंकि वो पूरे पैसे दुकान पर देकर नहीं आई थी।

मैंने उससे कहा- अगर साड़ी पहनने में दिक्कत हो तो मुझे बुला सकती हो। मैं दोबारा आ जाऊंगा !

यह मैंने इसलिए कहा कि वो अब तक मेरी बातों में नहीं फंसी थी !

मैंने उसको अपना नंबर दिया और चला आया। मैं अफ़सोस कर रहा था कि मैं उसके साथ कुछ नहीं कर पाया !

दो दिन बाद उसका मेरे पास कॉल आया। उसने अपना नाम बताया तो मैं समझ गया कि यह वही है।

उसने कहा- आप मेरे होटल आ सकते हो क्या ? मुझे साड़ी पहननी है ! साड़ी कैसे पहनते हैं, यह मैं भूल गई !

मैंने कहा- ठीक है ! मैं थोड़ी देर में आता हूं !

मैं उसके होटल पहुँचा ! इस बार मैं कंडोम भी ले गया था कि शायद जरूरत पड़ जाए ! उसने मुझे इसलिए बुलाया था क्योंकि वो जयपुर साड़ी पहन कर घूमना चाहती थी अपने ग्रुप के साथ ! वह फ़्रांस से आई हुई थी। जब मैं उसके होटल पंहुचा तो मैंने देखा कि वह साड़ी पहनने की कोशिश कर रही थी।

मैंने उसे कहा- ऐसे नहीं पहनते !

मैंने उसकी साड़ी उतार दी ! तभी मैंने देखा कि उसने ब्लाऊज़ भी गलत पहना हुआ है। मैं उसका ब्लाऊज़ ठीक करने लगा और उससे कहा- आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो !

उसने मुझे धन्यवाद ! में उसका ब्लाऊज़ सही करने लग गया ! कभी मैं उसकी बगल में हाथ लगाता और कभी उसकी पीठ पर !

धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके एक वक्ष पर रख दिया और कहा- यह वाला हिस्सा इधर खिसक गया है इसको बीच में करना पड़ेगा !

उसने मेरी इस हरकत का बुरा नहीं माना। अब तक मेरा खड़ा हो चुका था। मैंने तभी अंग्रेजन को कह दिया- आज आप बहुत सेक्सी लग रही हैं !

उसने मेरी इस बात का भी बुरा नहीं माना और मैं उसके वक्ष पर हाथ मलने लगा और अपने लंड को उसकी गांड से छुआने लगा। उसको मेरा लंड महसूस हो चुका था और वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। धीरे से मैंने एक साथ उसकी पीठ पर रखा और मेरा दूसरा हाथ उसके वक्ष पर था। उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। धीरे धीरे मेरा हाथ उसकी गांड को मसलने लगा।

और मैंने उसे कहा- आई लाइक यू !

उसने भी मेरे से कह दिया- आई लाइक यू !

फिर मैं उसके स्तन जोर से मसलने लगा और भी मेरा साथ देने लगी !

मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसका ब्लाऊज़ उतार कर ज़मीन पर फेंक दिया ! फिर उसकी ब्रा उतार दी और उसके गोरे गोरे स्तन चूसने लगा ! मैंने कभी इतने गोरे स्तन नहीं देखे थे।

फिर मैंने उसका पेटिकोट उतार दिया। अब सिर्फ पेंटी पहने हुए थी। मैं उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत मसलने लगा। वो बहुत चालू थी- उसने मेरी पैंट की जिप खोली और मेरे लंड को सहलाने लगी। फ़िर उसने मेरी पैंट उतार दी और मैंने उसकी पेंटी ! अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी !

मैंने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और अपने हाथों से उसके स्तन दबाने लगा और उसे चूमने लगा ! उसने मेरा अंडरवीयर उतारा और मेरे खड़े लंड को देख का हैरान हो गई ! वह 7 इन्च लम्बा और तीन इंच मोटा था। फिर उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी।

कभी मैं उसकी चूत में उंगली करता कभी उसके स्तन दबाता ! वो एक बार झड़ चुकी थी ! मैंने अपना लंड उसके मुँह में से निकाला, लंड पर कंडोम चढ़ाया और उसकी टाँगें चौड़ी की और उसकी चूत पर अपना लंड रख दिया! वो इतनी हसीन लग रही थी कि मैं क्या बताऊँ ! उसकी वो गुलाबी चूत अब चुदने ही वाली थी ! वो विर्जिन नहीं थी ! मैंने अपना लंड उसकी चूत से छूआया और धीरे से धक्का लगाया ! मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था।

वो मुझसे कह रही थी- फक्क मी फक्क मी !

मैंने एक और जोर से धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था और मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी। मैं उसको बुरी तरह चोद रहा था, वो भी मज़ा ले रही थी। मैंने उसको 15 मिनट तक जम कर चोदा और फिर मेरा झड़ गया ! वो भी अब तक दो बार झड़ चुकी थी !

मैंने लंड उसकी चूत में से निकाला, कंडोम उतारा और लंड पर लगा माल उसको चाटने को बोला ! उसने मेरा लंड मुँह में लेकर साफ़ कर दिया।

मैं उसकी बगल में लेट गया। थोड़ी देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया, मैंने उसको फिर जम कर चोदा। इस बार मैंने उसको अपने ऊपर बैठाया और वोह ऊपर नीचे होकर मुझे मजे देने लगी। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था ! यह सिलसिला एक बार और चला, फिर मैं अपने घर पर आ गया उसको अकेला होटल में छोड़ कर !

फिर उसका मेरे पास दो दिन बाद फ़ोन आया, उसने मुझसे फिर चुदने को कहा। यह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा !

मुझे मेल करना !

manojjaiswalo@yahoo.com

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