शनिवार, 15 जनवरी 2011

मेरी मामी की गलती से चुदाई


प्रेषक : पूनम सक्सेना 
मुझे मेरे दोस्त की शादी में मामा के गाँव जाना था। रात को बहुत मस्ती की, नाचना-गाना हुआ फिर सब लोग सोने चले गये। मैं भी मामा के घर सोने चला गया। मामाजी की रात की नौकरी थी तो वो गए हुए थे। मामाजी की एक लड़की ही थी 18 साल की। जब मैं घर में गया तो वो दोनों ( मामीजी और मामाजी की लड़की ) अपनी खटिया पर थी। मेरे लिए भी उनके बाजू में ही खटिया लगा दी थी। एक तरफ मैं सोया था, एक तरफ मामीजी और बीच में मेरी ममेरी बहन सोई हुई थी। रात को तक़रीबन ढाई बजे मेरी नींद खुल गई। मैंने देखा कि पूरे कमरे में अंधेरा था। मैंने अपने लंड पर हाथ रखा तो वो एकदम खड़ा हो चुका था तक़रीबन आठ इन्च का। मुझ पर सेक्स सवार हो गया था !
फिर मुझे याद आया कि गाँव के लड़के बात कर रहे थे कि तेरे मामा की लड़की बड़ी खराब हो रही है और पता चला है कि वो कई बार सेक्स कर चुकी है।
तो मैंने सोचा कि क्यों न आजमाया जाये बहन पर कुछ नया तरीका !
तो मैंने नींद में ही होने का नाटक करते हुए अपना हाथ बहन की टांग पर रख दिया! फिर धीरे धीरे सहलाने लगा, वो नींद में थी। मुझमें और हिम्मत आ गई तो मैं अपना हाथ धीरे से सरकाते हुए ऊपर ले गया। अब मेरा हाथ उसकी चड्डी के पास था। मैंने उसके कपड़ों पर से ही उसकी चूत पर हाथ रख दिया। फिर ऊपर से ही हाथ घुमाने लगा वो अभी तक नींद में ही थी। मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था लेकिन गाँव के लड़कों की बात याद कर के मुझ में हिम्मत आ गई और मैंने उसका नाड़ा खोल दिया। लाइट बंद थी इसलिए यह सब मेरी मामी को नहीं दिख रहा होगा या फिर वो भी गहरी नींद में होगी, यह सोच कर मैंने अपना काम चालू रखा।
उसका नाड़ा खोलते ही मैंने अपना हाथ अंदर दाल दिया उसने चड्डी नहीं पहनी थी और मेरे हाथ में सीधी ही उसकी चूत आ गई। में बहुत उत्तेजित हो गया, मेरे रोंगटे खड़े हो गए और मेरा लंड लगता था फटने ही वाला हो !
मैंने अपना हाथ थोड़ा और नीचे जाने दिया तो उसकी चूत के दाने पर मैं अपनी उंगली से मसल पा रहा था। तभी अचानक कुछ हरकत हुई, मुझे लगा कि वो जाग गई है। और मैं तुरंत अपना मुँह दूसरी तरफ घुमाकर सो गया।
थोड़ी देर बाद मैं फिर से उठा। कमरे में अभी भी अँधेरा ही था, मैंने सोचा, चलो कुछ हो-हल्ला नहीं हुआ। और मेरी बहन शायद सू-सू करने गई होगी और आकर फिर सो गई होगी। यह सोच कर मैंने सोचा कि उसको भी शायद मज़ा आया हो। तो मैंने आगे का कार्यक्रम फिर चालू करने के बजाय सीधा ही हाथ उसकी चूत के पास रख दिया और सहलाने लगा। फिर मैंने सोचा कि चलो नाड़ा फिर से खोला जाये तो मैंने हाथ ऊपर की तरफ नाड़े की ओर खिसकाया, लेकिन नाड़ा मिल नहीं रहा था। मैं सीधा हाथ उसके मम्मे की ओर ले गया।
मुझे कुछ अजीब ही लगा, मम्मे एकदम बड़े थे ! मैं दंग रह गया, सोचा कि मेरी बहन के मम्मे तो छोटे सी थे, लेकिन यह क्या ! मेरी बहन की जगह पर मामी जी आकर सो गई थी। मैं एक बार तो रुक गया, घबरा भी गया। फिर सोचा कि मैंने मामी की चूत को छुआ तो वो कुछ नहीं बोली, मम्मों को पकड़ा तो कुछ नहीं बोली, तो अब क्या बोलेगी। सोचकर सीधे ही फिर से चूत की ओर बढ़ा ! मामी ने नाइटी पहनी हुई थी तो चूत को ऊपर से ही सहलाने लगा। फिर लगा कि मामी कुछ बोल नहीं रही तो धीरे से नीचे हाथ डालकर मामी की नाइटी को कमर तक ऊपर उठाया और मामी की चूत को उनकी चड्डी के ऊपर से सहलाता गया।
आगे की कहानी जल्द ही लिखूंगा।
punemsexsena@yahoo.in


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें